कहानी
एक गाँव में एक कारीगर रहता था.......वह शरीर और दिमाग से बहुत मजबूत था........
उस कारीगर ने शहर अपनी कला से काफी पैसा एकत्रित किया और अपने गाँव लौट चला......
जब वहाँ का काम खत्म हुआ तो लौटते वक्त शाम हो गई.........बस ने तो गाँव के बाहर उतार दिया.........उसने काम के मिले पैसों की एक पोटली बगल में दबा ली और ठंड से बचने के लिए शॉल ओढ़ लिया........
वह चुपचाप सुनसान रास्ते से घर की और रवाना हुआ...........कुछ दूर जाने के बाद अचानक उसे एक लुटेरे ने रोक लिया........
लुटेरा शरीर से तो कारीगर से कमजोर ही था, पर उसकी कमजोरी को उसकी बंदूक ने ढंक रखा था..........
जब कारीगर ने उसे सामने देखा तो लुटेरा बोला, "जो कुछ भी तुम्हारे पास है, सभी मुझे दे दो, नहीं तो मैं तुम्हें गोली मार दूँगा....
यह सुनकर कारीगर ने पोटली उस लुटेरे को थमा दी और बोला, "ठीक है, यह रुपये तुम रख लो, मगर मैं घर पहुँच कर अपने परिवार को क्या कहूँगा......वह तो यही समझेंगें कि मैंने पैसे जुए में उड़ा दिए होंगे......
तुम एक काम करो, अपनी बंदूक की गोली से मेरी टोपी में एक छेद कर दो ताकि मेरे परिवार को लूट का यकीन हो जाए.....
लुटेरे ने बड़ी शान से बंदूक से गोली चलाकर टोपी में छेद कर दिया...अब लुटेरा जाने लगा तो कारीगर बोला, "एक काम और कर दो, जिससे मेरे परिवार को यकीन हो जाए कि लुटेरों के गैंग ने मिलकर मुझे लूटा है...... वरना मेरा परिवार मुझे कायर ही समझेगा.......तुम इस शॉल में भी चार-पाँच छेद कर दो.......लुटेरे ने खुशी-खुशी शॉल में भी कई गोलियाँ चलाकर छेद कर दिए.......
इसके बाद कारीगर ने अपना कोट भी निकाल दिया और बोला, "इसमें भी एक-दो छेद कर दो ताकि सभी गॉंव वालों को यकीन हो जाए कि मैंने बहुत संघर्ष किया था........
इस पर लुटेरा बोला, "बस कर अब.....इस बंदूक में गोलियाँ भी खत्म हो गई हैं......
यह सुनते ही कारीगर आगे बढ़ा और लुटेरे को दबोच लिया और बोला, "मैं भी तो यही चाहता था......तुम्हारी ताकत सिर्फ यह बंदूक थी....अब यह भी खाली है..... अब तुम्हारा कोई जोर मुझ पर नहीं चल सकता है....चुपचाप मेरी पोटली मुझे वापस दे दो, वरना..."
यह सुनते ही लुटेरे के होश उड़ गए और उसने तुरंत ही पोटली कारीगर को वापिस दे दी और अपनी जान बचाकर वहाँ से भाग गया...........
कारीगर की ताकत तब काम आई जब उसने अपनी विवेक शक्ति का सही ढंग से उपयोग किया............
इंतजार कीजिये गोलियां खत्म होने का ।।
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