"विटीफीड" .......यह नाम अब इतिहास के पन्नों में गुम हो चुका है।
wittyfeed ..... एक ऐसी वेबसाइट जो की दुनिया की दूसरे नंबर की वायरल कन्टेन्ट वेबसाइट बन चुकी थी।
रचित जी सतीजा कह रहे हैं - दोहरा दूं....।
देश की नहीं दुनिया की दूसरे नंबर की वेबसाइट।
विटिफीड के संस्थापक 3 भारतीय लडके थे।
विनय सिंघल ,प्रवीन सिंघल व शशांक वैष्णव ।।
तीनों ने मिल कर विटीफीड वेबसाइट बनाई और वायरल कंटेंट की दुनिया में आग लगा दी।
वेबसाइट पर ट्रैफिक इतना बढ़ा की दुनिया कि नंबर 1 कंपनी बजफीड ( जो की एक अमेरिकन कंपनी है) ......उसकी जड़ें हिल गई।
एक हिंदुस्तानी वेबसाइट ने विश्व की शीर्षतम वेबसाइट का सिंहासन हिला दिया।
तीन हिंदुस्तानी लडकों द्वारा निर्मित और संचालित वेबसाइट पर हर महीने 1000000000
यानी 10 करोड़ लोगों का ट्रैफिक था।
दिलजस्प आंकड़ा यह था की इस आंकड़े का 40 प्रतिशत ट्रैफिक अमेरिका का था। कहा जाने लगा की हर तीसरा अमेरिकी नागरिक विटीफिड की वेबसाइट पर हाजरी लगाता था।
विटीफीड उस दौर में 40 करोड़ रूपए की कंपनी बन चुकी थी।
100 से ऊपर कर्मचारी थे जिन्हे हर महीने 2 करोड़ से ऊपर की सैलरी दी जा रही थी।
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व्यापार का एक गोल्डन रूल है....!
*"व्यापार में एक ही तथ्य निश्चित है की कुछ भी निश्चित नहीं है"*
40 करोड़ की विटीफीड ......जिसका आफिस इंदौर ....सिंगापुर .....अमेरिका के टाइम स्क्वेयर से लेकर विश्व के प्रमुख राष्ट्रों में था.....रातों रात बंद कर दी गई।
फेसबुक से फेसबुक ने विटिफीड को डी प्लेटफार्म कर दिया।
वजह थी विटीफीड की बढ़ती लोकप्रियता .....वजह थी हर तीसरे अमरीकी का विटीफीड की वेबसाइट पर आना।
फेसबुक ने राष्ट्रपति चुनावों के दौरान विटीफीड पर इल्ज़ाम लगाया की वह अमेरिकी वोटर्स को बरगला रही है .....प्रभावित कर रही है....इंफ्लूएंस कर रही है।
एक रात पहले विनय ....प्रवीन और शशांक .....40 करोड़ की कंपनी के मालिक थे और अगली सुबह उनकी कंपनी 1 रूपये की भी नहीं थी। हां......उनके ऊपर अपने कर्मचारियों को हर माह 2 करोड़ से अधिक सेलरी देने का दबाव जस का तस कायम था।
कहने को सब राख हो चुका था।
तबाह हो चुका था ....बर्बाद हो चुका था।
कर्मचारियों की तनख्वाह तब तक देते रहे जब तक जेबें खाली नहीं हो गई।
अब ना तो काम था ......और ना ही कर्मचारियों को तनख्वाह देने लायक पैसा बचा था।
लेकिन हौसला बचा हुआ था।
हिम्मत अभी बाकी थी।
जहां दिमाग कह रहा था की सब बर्बाद हो चुका है .....वहां दिल कह रहा था की एक बार फर्श से आसमान तक का सफर तय करेंगे।
विनय प्रवीन और शशांक झुके थे......टूटे नहीं थे।
तीनों ने फैसला किया के एक नई कम्पनी बनाई जाएगी जिसका स्वरूप विटीफीड से भी विराट और विशाल होगा।
जितना साम्राज्य खो दिया है ......उससे 10 गुना बड़ा साम्राज्य खड़ा करेंगे।
विनय और प्रवीन हरियाणे में पले बढ़े थे।
उन्होंने एक ऐसे आइडिया के बारे में सोचा जो बाकमाल ही नहीं अद्भुत और अविश्वसनीय भी था।
उन्होंने हरियाणवी और अन्य देसी भाषाओं का ओटीटी प्लेटफार्म बनाने की सोची।
यानी देसी भाषाओं का नेटफ्लिक्स।
हरियाणवी कलाकारों को लेकर फिल्में बनाई और अपने प्लेटफार्म पर दिखाने लगे।
ओटीटी प्लेटफार्म का नाम रखा ........STAGE....!
स्टेज ......यानी देसी भाषा का नेटफ्लिक्स।
रणबांकुरे फिर से दिन रात जुट गए।
जी तोड़ मेहनत की और उनके इस सफर में उनके कर्मचारियों ने भी उनका भरपूर साथ दिया।
कर्मचारियों ने 25 प्रतिशत तनख्वाह पर काम किया। बाकी तनख्वाह के बदले उन्हे कंपनी के शेयर दे दिए गए।
इसे हिम्मत और मेहनत की प्रकाष्ठा कहें की 40 करोड़ की कम्पनी की बर्बादी के एक साल के अंतराल में तीनों लड़कों ......या कहें तीनों लड़ाकों ने स्टेज प्लेटफार्म शुरू कर दिया।
वक्त पलट चुका था।
अंधेरी रात को चीर स्टेज ऐप सूर्य की लालिमा का बाहें फैलाए स्वागत कर रही थी।
स्टेज ऐप के लिए इन्वेस्टमेंट बीते दिनों प्रवीन विनय और शशांक प्रख्यात टेलीविजन शो .....शार्क टैंक में दिखाई दिए।
विटीफीड की रात ब रात डूबने की कहानी सांझा की और फिर वह क्षण आ गया जिस क्षण ......को देख हर देखने वाला हतप्रभ रह गया।
शार्क टैंक कार्यक्रम में बताया गया की तीनों रणबांकुरों की स्टेज ऐप के पास आज 1 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं।
....और किसी समय 40 करोड़ की बर्बादी देख चुके तीनों फाउंडर द्वारा निर्मित स्टेज ऐप .....की आज की वैल्यू आज 250 करोड़ रुपए है।
शार्क टैंक कार्यक्रम में आपबीती सुनाते तीनों की आखें नम हो उठी .......लेकिन आखों से बहते उन आसुओं में विटीफीड को खोने का गम नहीं था।
उन आंसुओं में 40 करोड़ की कम्पनी खो कर 250 करोड़ की कम्पनी बना देने की मेहनत छिपी थी।
ये जो शहतीर है पलकों पे उठा लो यारों।
अब कोई ऐसा तरीक़ा भी निकालो यारों।
*कैसे आसमां में छेद हो नहीं सकता*
*एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों।।*
स्टेज ऐप वह पत्थर है जो इन तीन देसी लडकों की बलशाली भुजाओं से आसमान की ओर फेंका गया है।
हिम्मत .....मेहनत और हौसले को नमन।।
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