बुधवार, 10 मई 2023

क्या और कितना खाएं

स्वास्थ्य की चर्चा


नितिन त्रिपाठी जी ने लिखा है - एक मित्र को डिनर पर ले गया. ऑर्डर मुझे देना था. आरंभ में चाइनीज़ और इंडियन स्टार्टर ऑर्डर किए. मेरा तो ख़ैर इतने में ही पेट भर गया पर होस्ट हूँ. पूँछा और क्या ऑर्डर करे? जो आपको ठीक लगे. पास्ता ऑर्डर किया. फिर शक्ल देख लगा अभी वह संतुष्ट नहीं. चाऊ मीन आदि किया. अभी भी संतुष्ट न लगे. पिज़्ज़ा ऑर्डर किया. तब तक उनका कैलोरी इंटेक चार हज़ार कैलोरी हो चुका था. मैंने पूँछा और कुछ? उत्तर था जब तक दाल रोटी चावल न हो तब तक खाना कम्पलीट कहाँ होता है. दाल मखानी, पनीर कड़ाही, बटर नान के साथ छः हज़ार कैलोरी मील. मित्र परेशान भी रहते हैं कि खाता दाल रोटी हूँ वजन सौ क्रॉस कर चुका है.

यह दाल चावल रोटी की लस्ट एक बड़ा रीजन है अन्हेल्थी होने की. वैसे है  यह अच्छा संपूर्ण मील है, पर जब यह इस लेवल पर हो जाये कि 365 दिन तीन समय यही चाहिए तो यह भोजन नहीं लस्ट हो जाती है. सभी धर्मों में और हिन्दू धर्म में ख़ास कर लिखा है व्यक्ति को इंद्रियों का ग़ुलाम नहीं होना चाहिए। - विशेष कर जननेंद्रिय और जिह्वा. यदि आपको भोजन में रोटी चाहिये ही चाहिये तो यह ख़तरे का सिग्नल है - आप इंद्रिय के ग़ुलाम हो चुके हैं.

यही बात मॉडर्न डायटीशियन भी समझाते हैं. डिफरेंट ग्रेन्स ट्राय करिए एक का ग़ुलाम न बनिये. भोजन में वैरायटी रखिए. सप्ताह में कभी केवल फल ही खा लिए. कभी सलाद. सामान्य भोजन में भी एक समय में एक ग्रेन हो. रोटी हो तो चावल नहीं, चावल हो तो रोटी नहीं. रोटी चावल से पूर्व सलाद खाइये, सब्ज़ी खाइये. नहीं मन है रोटी चावल नहीं ही खाइए. और अगर इस लेवल पर है कि बग़ैर रोटी चावल खाये आपको लगता है कि मील  कम्पलीट नहीं तो डाइट ऐंगल ही नहीं ऐसे भी यह उचित नहीं कि आपको रोटी का नशा है.

एक बार आप इस नशे को त्याग देंगे दुनिया में इतने फ़्लेवर्स हैं, टेस्ट भी आएगा, हेल्थ भी अच्छी होगी.

_________🌱_________
*शनि-रवि-सोम प्रेरक प्रसंग । यदा कदा तत्कालीन प्रसंग - स्वास्थ्य - हास्य ...*    👉🏼
https://chat.whatsapp.com/Kfmn8HM763ELUzLzQ8kmwy
_________🌱__________

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कुल पेज दृश्य