सोमवार, 29 अगस्त 2022

 

   *मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी पांच इंद्रियों का परिपूर्ण होना और उनको सुरक्षित रखना है।*

  क्या आप उसकी सुरक्षा करते हो ?
   मनुष्य पैसे के लिए क्या क्या नहीं करता है ?
   क्या पैसा इतना महत्वपूर्ण है कि हम उसके लिए अपने स्वस्थ को दांव पर लगाएं ?

🌴 क्या मनुष्य धन से स्वस्थ रह सकता है ?

   *नहीं! नहीं!! कभी नहीं!!!*

🌱 अगर शरीर स्वस्थ होगा तो धन कमा सकते है ।

   *हां! अवश्य!! निश्चय ही!!!*

    मान लो आपके आंखें नहीं है या कानों से सुन नहीं सकते है या आप गूंगे है या आपका शरीर अपंग है या आप बीमार है। 

                             *यदि*

   जिनके पास आंख, कान, वाचा और शरीर पूर्ण स्वस्थ हैं।

   *अब बताईए आप दोनों में से धनी कौन है ?*

  आजकल मनुष्य की सबसे बड़ी समस्या समय है और वह धन को ही अपनी पूंजी समझता है।

  इसीलिए वह दिन-रात पैसा कमाने के लिए दौड़-भाग करता है।

   प्रकृति ने दिन काम करने के लिए और रात आराम करने के लिए बनाई है।

*धन के लालची प्रकृति के नियमों को तोड़ते हैं।*

   आप देखिए आज भी ज्यादातर लोग दिन में काम करते है।

     *रात के कामों में खतरा ज्यादा है।* 
     मान लो आप रात्रि में रास्ते पर चल रहे है और अचानक लाइट चली जाएं तो ठोकर लगकर या खड्डे में गिर सकतें है।
रात के अंधेरे में चोर डाकू लूट सकते है।

    *यदि आप रात में भोजन बना रहे है और बिजली चली जाएं और छिपकली ,बिच्छू या किट पतंगे आपके उस बर्तन में गिर जाएं, तो सोचिए उस भोजन को करने से क्या होगा ?*

  दिन के उजाले में बिजली की आवश्यकता नहीं होती है‌ परंतु इंसान को प्रकृति से ज्यादा अपनी बनाई चीजों पर भरोसा है। परंतु ये कब धोखा दे देंगे यह कोई नहीं जानता है।

इसलिए अनावश्यक आवश्यकताओं को कम करो। अपना जीवन स्वावलंबी बनाओ।

जो लोग कभी कहते थे मुझे मरने की फुर्सत नहीं है, आज उनके पास फुर्सत ही फुर्सत है।

प्रकृति से पंगा मत लो और अपना नैसर्गिक जीवन जीओगे तो आप सुखी बन जाओगे।

ज्यादा कमाओ और बीमारी ख़रीदो। डाक्टर को पैसे देकर भी समय से पहले बुड्ढे हो जाओ।

   जब तक जीवन है पैसे का उपयोग है, मरने के बाद पैसा यही रह जाएगा। क्या पैसा साथ आएगा ?
 
*नहीं! नहीं!! कभी नहीं!!!*

  *सोचो! समझो!! अपना निर्णय स्वयं करो!!!*

‼️यही सत्य है! यही प्रकृति का शाश्वत नियम है!! इसे स्वीकार करो और आनंद पूर्वक जीओ।

_________🌱_________
*शनि-रवि-सोम प्रेरक प्रसंग । यदा कदा तत्कालीन प्रसंग - स्वास्थ्य - हास्य ...*    👉🏼
https://chat.whatsapp.com/L1tAb67ZQfI0k4IbxFvsoc
-------------🍂-------------
  telegram ग्रुप  ...👉🏼
https://t.me/joinchat/z7DaIwjp8AtlNzZl
______🌱_________
Please Follow...
https://dulmera.blogspot.com/

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कुल पेज दृश्य