बुधवार, 12 जनवरी 2022

ह्रदय की देखभाल

 

स्वास्थ्य चर्चा ...

बात हृदय की देखभाल की।

जब इन्सान मां के पेट में होता हैं तो हृदय धड़कना शुरू करता है और इंसान की मृत्यु होने पर ही इसकी धड़कन बंद होती है।
हृदय परमपिता परमेश्वर की अनमोल संरचना है।

हम थकावट होने पर आराम करते हैं। रात को सोते हैं लेकिन हमारा हृदय लगातार धड़कता रहता है। हृदय ने धड़कना बंद किया तो जिंदगी का खेल खत्म।

तो हमारी भी जिम्मेवारी बनती है कि हमारे शरीर के इतने महत्वपूर्ण अंग का हम भी ख्याल रखें।

वर्तमान समय में खान-पान और तनाव भरे जीवन के कारण हृदयाघात के केस बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। फास्ट फूड का इसमें सबसे ज्यादा योगदान है।

एक बात तो सबको पता है हम बाइक या स्कूटी चलाते समय हेलमेट इसलिए पहनते हैं ताकि कोई दुर्घटना की स्थिति में हमारा सिर सुरक्षित रहे।

बिल्कुल ऐसे ही हमारी जिम्मेवारी बनती है कि हम हमारे हृदय की भी ऐसे ही देखभाल करें।

हार्ट ब्लॉकेज धीरे-धीरे होती है जिसका हमें पता ही नहीं चलता।बाद में जिसके घातक परिणाम हार्ट अटैक के रुप में आता हैं।

अगर समय रहते (खासकर 40 की उम्र के बाद) हम समझदारी से काम ले तो हार्ट अटैक की समस्या से बचा जा सकता है।

नीचे दी गई दो आयुर्वेदिक दवाओं के सेवन से हृदयाघात के खतरे को टाला जा सकता है।

1.अर्जुन की छाल..

अर्जुन की छाल का उपयोग साल में दो या तीन महीने करें (खासकर सर्दी के दिनों में) अर्जुन की छाल का एक चम्मच एक गिलास पानी में धीमी आंच में उबाल लें। जब पानी का गिलास आधा रह जाए तो ठंडा होने के बाद उसको बगैर छाने पी ले।

अर्जुन की छाल का एक चम्मच रात को सोते समय गर्म दूध के साथ भी लिया जा सकता है या फिर दूध में मिलाकर भी पिया जा सकता है।

गर्मी के मौसम में इसको आधी मात्रा में ले सकते हैं क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।

2. अर्जुनारिष्ट....

साल में 3 महीने (किसी भी मौसम में) अर्जुनारिष्ट का सेवन करें।

सुबह और शाम खाना खाने के 15 मिनट के बाद 6 चम्मच दवाई और 6 चम्मच गुनगुना पानी मिलाकर पी लें।

इन विधियों के उपयोग के बाद हृदय की धमनियों में कोई रुकावट पैदा नहीं होगी और हृदय स्वस्थ अवस्था में अपना काम करता रहेगा।

नोट: हृदयामृत गोली आती है। इसका सेवन किसी भी मौसम में किया जा सकता है। दो गोली सुबह और दो शाम को खाना खाने से 2 घंटे पहले चबाकर ले ले।

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