मौक़ा कभी व्यर्थ जाने ना दें।
एक युवक किसान की खूबसूरत बेटी से शादी करना चाहता था। वह अनुमति लेने के लिए किसान के पास गया।
किसान ने उसकी ओर देखा और कहा,
“बेटा, जा उस क्षेत्र में खड़ा हो। मैं एक-एक करके तीन बैल छोड़ने जा रहा हूँ। यदि तुम तीनों बैलों में से किसी एक की भी पूँछ पकड़ सकते हो, तो तुम मेरी पुत्री से विवाह कर सकते हो।”
युवक चारागाह में खड़ा होकर पहले बैल की प्रतीक्षा कर रहा था।
खलिहान का दरवाजा खुला और वह अब तक का सबसे बड़ा, विकराल दिखने वाला बैल निकला। उसने फैसला किया कि अगले दो बैल में से एक को इस से बेहतर विकल्प होना चाहिए, इसलिए वह एक तरफ हो गया और उस पहले बैल को पीछे के गेट से चारागाह से गुजरने दिया।
खलिहान का दरवाजा फिर से खुल गया। अविश्वसनीय !! उसने अपने जीवन में इतना बड़ा और भयंकर कुछ भी नहीं देखा था। यह जमीन पर पांव फेरते हुए खड़ा था, घुरघुरा रहा था, स्लेजिंग कर रहा था क्योंकि वह उसकी ओर देख रहा था। अगला बैल जैसा भी हो, उसे इस से बेहतर विकल्प होना चाहिए था, उसने सोचा । फ़िर से वह बाड़ की ओर दौड़ा और बैल को चरागाह से पिछले द्वार के बाहर जाने दिया।
तीसरी बार दरवाजा खुला। उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई। यह अब तक का सबसे कमजोर, सबसे छोटा बैल था। यह उसका बैल था। जैसे ही सांड दौड़ता हुआ आया, उसने अपने आप को बिल्कुल सही स्थान पर रखा और ठीक उसी क्षण कूद गया।
उसने पकड़ लिया... लेकिन बैल की पूँछ नहीं थी!
नैतिक.....
जीवन अवसरों से भरा है। कुछ का फायदा उठाना आसान होगा तो कुछ के लिए मुश्किल। लेकिन एक बार जब हम उन्हें (अक्सर कुछ बेहतर की उम्मीद में) पास होने देते हैं, तो वे अवसर फिर कभी उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। इसलिए हमेशा पहले अवसर का लाभ उठाएं।
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*शनि-रवि-सोम प्रेरक प्रसंग । यदा कदा तत्कालीन प्रसंग - स्वास्थ्य - हास्य ...* 👉🏼
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