शनिवार, 5 नवंबर 2022

च्यवनप्राश

सर्दियां आ रही हैं। ऐसे में खांसी जुखाम आदि कई तरह की शारीरिक परेशानियां सर्दियों में रहती है।

बहुत सारे लोग सर्दियों में चवनप्राश खाते हैं। जो यह बड़ी-बड़ी कंपनियां करोड़ों रुपए देकर अपनी-अपनी कंपनियों के चवनप्राश का विज्ञापन करवाती हैं। उनकी गुणवत्ता भी नाममात्र भी की होती है।

अतः  सलाह है कि सर्दियों में धूतपापेश्वर कंपनी का श्यामला चवनप्राश का ही प्रयोग करें। इसकी क्वालिटी बाकी कंपनियों के चवनप्राश से बहुत ही बढ़िया है।

अगर भविष्य में होने वाली कई तरह की शारीरिक परेशानियों  से बचना चाहते हैं और अपने आप को शारीरिक रूप से मजबूत रखना चाहते हैं तो इसमें 1 ग्राम स्वर्ण भस्म मिला लें।

अगर किसी को आंखों से संबंधित किसी भी तरह की समस्या है तो इसमें 5 ग्राम मोती पिष्टी मिला ले। आंखों की समस्याओं से संबंधित लाभ अवश्य मिलेगा।

स्वर्ण भस्म और मोती पिष्टी मिलाने का तरीका।

चवनप्राश आमतौर पर सख्त होता है, तो इसमें स्वर्ण भस्म और मोती पिष्टी मिलाने के लिए, चवनप्राश को एक बर्तन में निकाल ले। जिस बर्तन में चवनप्राश निकाला है उससे बड़ा बर्तन ले और उसमें पानी डाल ले। फिर चवनप्राश वाले बर्तन को पानी वाले बर्तन के अंदर रखकर पानी को धीमी आंच से गैस पर गरम करें।

थोड़ी ही देर में चवनप्राश भी लिक्विड फॉर्म में आ जाएगा। अब इसके अंदर स्वर्ण भस्म और मोती पिष्टी (अगर आपको आंखों से संबंधित समस्या है तो) डाल कर अच्छे से फेंट लें।

थोड़ा सा ठंडा होने के बाद चवनप्राश को वापिस उसी डिब्बे में वापिस डाल दें जिसमें से निकाला था और पूरा ठंडा होने दें।

चवनप्राश के सेवन की विधि-

हर रोज रात को सोने से पहले एक चम्मच चवनप्राश गुनगुने दूध के साथ ले। लगातार दो या 3 महीने लेने के बाद भविष्य में शरीर में होने वाली काफी समस्याओं और आंखों से संबंधित बीमारियों से कुछ हद तक छुटकारा मिलेगा

नोट: स्वर्ण भस्म और मोती पिष्टी भी धूतपापेश्वर कंपनी की लेने की कोशिश करें, नहीं मिले तो डाबर या ऊंझा की ले लें।

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