सोमवार, 4 जुलाई 2022

संकेत का इंतजार क्यों

 

   चिंतन की धारा

    कुछ दिन पहले अख़बार में पढा था कि आस्ट्रेलिया मे कोई  अमीर व्यक्ति थे,काफी आकर्षक और दमदार शख्सियत! हमेशा चकाचौंध से घिरे रहते थे,तडक-भडक और ऐश से भरी जिंदगी जीते थे! महंगे जूते, ब्रांडेड कपडे और महंगी गाड़ियों के शौकीन थे,करोड़ पति थे!
          तीन साल पहले उनको पता चला कि उनको कैंसर है,उनको बहुत दुख हुआ,खुब रोए ! दुनिया फ़ानी है,अब जाकर उनको पता चला, इसी कशमकश में उन्होंने समाज सेवा करने की ठानी,उन्होंने गरीबों के लिए घर बनाएं,उनको बसाया,मरने के बाद अपनी सारी संपत्ति अपने बनाये ट्रस्ट को दान कर गुजर गये !
           कई बार मुझे समझ मे नही आता कि समाज़ सेवा और नेकी के काम करने के लिए हम  ईश्वर के संकेत का इंतजार क्यों करते रहते है ? जब तक ईश्वर हम पर  मजबूत लात नही मारता,तब तक हमारी अक्ल ठिकाने नही आती,ऐसा क्यो ?
          कुछ लोग  संक्रांति में ही दान पूण्य करने की सोचते है,ऐसा क्यो ? भला काम करने और दान देने के लिए हमे संक्रांति - नवरात्रि का इंतजार क्यो करना पडता है ? बिना  नवरात्रि, क्रिसमस, गुरू पर्व के क्या भला काम करना गुनाह है ? भलाई का काम मुहूर्त देखकर थोडी ना होते है।
        हम क्यों इंतजार मे रहते है कि हमे कैंसर हो,डायबीटीस हो,दिल की बिमारी या किडनी खराब हो,जेल जाए या कोई लाइलाज बिमारी हो और हम दान-पूण्य देकर इन बीमारियों से बचें ? अच्छे काम करने के लिए हम मरने का इंतज़ार क्यो करते है ?
     बीमारी या मौत की कगार पर पहुंच हम भला काम कर ईश्वर की नज़रों मे आना चाहते है, अपने डर को छुपाना चाहते हैँ ? इश्वर्  आप के दिखावटी  काम के पीछे छुपे मंसूबों को  पहचानता है! सुधरने के लिए हम लतखोर क्यों बने ?
         हम ऐसा काम करे ही क्यों है कि हमे अपने पाप धोने के लिए समाज सेवा करनी पड़े ?
         आप सबसे इच्छा है कि अच्छा काम करे, भला काम करें,खुल के करें,शौक से करें.... कैंसर,हृदयाघात,किडनी फ़ेल होने का इंतजार न करे,ना कि ख़ास दिन और महिनो की बाट जोहें ! सेवा व मानवता हमारा स्वभाव बनें ।
      मरने के बाद कोई देखने नही आता कि इस धरती पर उनकी तारीफ हो रही है या बुराई ? और स्वर्ग जिसने भी देखा, वो वापस यहा बताने नही आया! मरने के बाद तो अमृत का भी महत्व नही होता!...जीते जी ही अच्छा काम करें !
      
        ईश्वर द्वारा संकेत का इंतजार न करें,क्योंकि उसकी लाठी में भले आवाज नहीं होती लेकिन जब पडती है तो बहुत दर्द होता है !

       
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