कैसे पहचानेंगे??
असम में जाना हुआ तो वहां श्रीमंत शंकरदेव शिशु निकेतन में जाना हुआ,,बच्चों में बड़ा उत्साह था जैसे किसी जादूगर के आने पर होता है,,
बात शुरू हुई तो मैंने बच्चो से पूछा--आप लोग कहीं जा रहे हैं,, सामने से कोई कीड़ा मकोड़ा या कोई सांप छिपकली या कोई गाय भैंस या अन्य कोई ऐसा विचित्र जीव दिख गया जो आपने जीवन में पहले कभी नहीं देखा,, तो प्रश्न यह है कि आप कैसे पहचानेंगे कि वह जीव अंडे देता है या बच्चे ?? क्या पहचान है उसकी ?? बच्चे मौन रहे बस आंतरिक खुसर फुसर चलती रही,,
मिनट दो मिनट बाद मैंने ही बताया कि बहुत आसान है,, जिनके भी कान दिखाई देते हैं बाहर,, वे सब बच्चे देते हैं और जिन जीवों के कान बाहर दिखाई नहीं देते वे अंडे देते हैं,,,
फिर दूसरा प्रश्न पूछा--ये बताइए आप लोगों के सामने एकदम कोई प्राणी आ गया,, आप कैसे पहचानेंगे की यह शाकाहारी है या मांसाहारी???क्योंकि आपने तो उसे भोजन करते देखा नहीं है,, बच्चों में फिर वही कौतूहल और खुसर फ़ुसर की आवाजें,,,
मैंने कहा--देखो भाई बहुत आसान है,, जिन जीवों की आंखों की बाहर की यानी ऊपरी संरचना गोल है वे सब मांसाहारी हैं,, जैसे--कुत्ता, बिल्ली, बाज, चिड़िया, शेर, भेड़िया, चील,, या अन्य कोई भी आपके आस पास का जीव जंतु जिसकी आंखे गोल हैं वह मांसाहारी है,, ठीक उसी तरह जिसकी आंखों की बाहरी संरचना लंबाई लिए हुए है,, वे सब शाकाहारी हैं,, जैसे हिरन,, गाय, हाथी, बैल, भैंस, बकरी,, इनकी आंखे बाहर की बनावट में लंबाई लिए होती हैं,,
अब ये बताओ कि मनुष्य की आंखें गोल हैं या लंबाई वाली,,, सब बच्चों ने कहा कि लंबाई वाली,, मैंने फिर पूछा कि यह बताओ इस हिसाब से मनुष्य शाकाहारी जीव हुआ या मांसाहारी??सबका उत्तर था शाकाहारी,,
फिर दूसरी बात यह बताई कि जिन भी जीवों के नाखून तीखे नुकीले होते हैं वे सब मांसाहारी होते हैं,, जैसे शेर बिल्ली, कुत्ता बाज गिद्ध या अन्य कोई तीखे नुकीले नाखूनों वाला जीव,,
जिनके नाखून चौड़े #चपटे होते हैं वे सब शाकाहारी होते हैं,, जैसे गाय, घोड़ा, गधा, बैल, हाथी, ऊंट, बकरी,
अब ये बताओ बालकों कि मनुष्य के नाखून तीखे नुकीले हैं या चौड़े चपटे??
बालकों ने कहा कि चौड़े चपटे,, अब ये बताओ इस हिसाब से मनुष्य कौनसे जीवों की श्रेणी में हुआ??सब बालकों ने कहा कि शाकाहारी,,,
फिर तीसरी बात बताई,,जिन भी जीवों पशु प्राणियों को #पसीना आता है वे सब शाकाहारी होते हैं जैसे घोड़ा बैल गाय भैंस खच्चर आदि अनेकों प्राणी,,
मांसाहारी जीवों को पसीना नहीं आता है,, इसलिए कुदरती तौर पर वे जीव अपनी जीभ निकालकर लार टपकाते हुए हांफते रहते हैं,, इस प्रकार वे अपनी शरीर की गर्मी को नियंत्रित करते हैं,,
तो प्रश्न यह है कि मनुष्य को पसीना आता है या जीभ से एडजस्ट करता है??
बालकों ने कहा कि पसीना आता है,, अच्छा यह बताओ कि इस बात से मनुष्य कौनसा जीव सिद्ध हुआ,, सबने एकसाथ कहा--शाकाहारी,,,
ऐसे ही अनेकों विषयों पर बच्चों से बात की,, आनंद आ गया,,, अध्यापन से जुड़े भाई बहन चाहें तो बच्चों को सीखने पढ़ाने के लिए इस तरह बातचीत की शैली विकसित कर सकते हैं,, इससे जो वे समझेंगे सीखेंगे वह उन्हें जीवनभर काम आएगा याद रहेगा,,पढ़ते वक्त बोर भी नहीं होंगे,,,
ॐ श्री परमात्मने नमः - स्वामी सूर्यदेव
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