रविवार, 3 दिसंबर 2023

खरगोश की कहानी

 

खरगोश की कहानी

सदियों से दुनिया को खरगोश और कछुए की कहानी सुनाई जा रही है ।
कछुए और खरगोश में दौड़ हुई । तेज़ दौड़ने वाला खरगोश हार गया । धीरे धीरे रेंगने वाला कछुआ जीत गया । दुनिया को सबक मिला कि Slow n Steady wins the race ....... चलते रहो चलते रहो .....
कभी मत रुको ...... चलते रहो ...... चरैवेति चरैवेति ......

पर आज तक किसी ने खरगोश से न पूछा कि उस दिन आखिर हुआ क्या था ?????
एक दिन मुझे मिल गया वो खरगोश .......एक पेड़ के नीचे लेटा ....... ऊँघता , अलसाता ।
मैंने पूछा , तुम वही हो न ???? जो उस दिन हार गया था कछुए से ?????

हाँ .......मैं वही हूँ ......

क्या हुआ था उस दिन ?

अरे कुछ नही यार । ये आलसी लापरवाह होने की कहानी झूठी है ।
मैं बेतहाशा दौड़ा चला जा रहा था । कछुआ बहुत बहुत पीछे छूट गया था । मुझे पता था मैं बहुत आगे हूँ ..... मैंने सोचा , इस पेड़ के नीचे दो घड़ी सुस्ता लेता हूँ ।
पिछली रात कायदे से सोया नही था ।
Competition की anxiety के कारण नींद ही न आई । बरसों से कछूए की कहानियां सुनाई जा रही थीं मुझे , वो बिना थके चल सकता है , सालों साल चल सकता है ......कभी नही थकता ...... ये ज़िन्दगी एक मैराथन रेस की तरह है ।
मैं उस कछुए को दिखाना चाहता था कि मैं भी तेज दौड़ सकता हूँ और बहुत दूर तक दौड़ सकता हूँ ।
इस पेड़ की छांव कितनी शीतल है ...... मैंने घास बिछा के एक नर्म गुदगुदा बिस्तर बनाया और उसपे लेट गया ....... लेटते ही आँख लग गई ।
स्वप्नलोक में पहुंच गया ।
वहां एक सन्यासी ध्यानमग्न बैठे थे ।
मुझे पास जान उन्होंने आँखें खोली ।
वो मुस्कुराए ।
कौन हो ?????
मैं खरगोश हूँ . दौड़ में हिस्सा ले रहा हूँ । दौड़ लगी हुई है ।
क्यों दौड़ रहे हो ?
जंगल को ये बताने के लिए कि मैं ही सबसे तेज़ दौड़ता हूँ .......
उससे क्या होगा ? तुम जंगल को क्यों बताना चाहते हो कि तुम बहुत तेज़ दौड़ते हो ??? इतना तेज दौड़ के क्या मिलेगा ???

सबसे तेज़ धावक का medal मिलेगा । इज़्ज़त शोहरत मिलेगी .....मान सम्मान होगा ....... पैसा मिलेगा । मैं अच्छा भोजन खाऊंगा ।

अच्छा भोजन तो आज भी है चारों ओर । देखो चारों तरफ कितनी हरियाली है । पेड़ पौधों पे फल फूल लदे हुए हैं ।

जंगल मुझे याद करेगा कि मैं सबसे तेज़ दौड़ने वाला खरगोश था ।

एक हज़ार साल पहले सबसे तेज़ दौड़ने वाले हिरण का नाम याद है तुम्हें ???? या सबसे बड़े हाथी का ??????
सबसे ताकतवर शेर का ?????

नही तो ......

आज तुम्हारा मुकाबला कछुए से है ।
कल हिरण से होगा
परसों घोड़े से .......
किस किस से दौड़ लगाओगे ?????
क्या सारी जिंदगी दौड़ते ही रहोगे ?????
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*शनि-रवि-सोम प्रेरक प्रसंग । यदा कदा तत्कालीन प्रसंग - स्वास्थ्य - हास्य ...*    👉🏼
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पुराने प्रसंग आप यहाँ देख पाएंगे -
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अच्छा आज की दौड़ जीतने के बाद क्या करोगे ?????

चैन की बंसी बजाऊंगा । उस विशाल पेड़ की घनी छांव में आराम की नींद सोऊंगा । भंवरे मुझे लोरियां सुनाएंगे । तितलियां गुनगुनाएँगी । मैं उस तालाब में बतख के साथ खेलूंगा ।
चैन की नींद तो तुम अब भी सो रहे हो .......उस बतख के साथ तो तुम अब भी खेल सकते हो ।

मेरी नींद खुल गई ।
सामने देखा तो पक्षी चहचहा रहे थे । मैं तालाब में कूद गया । मुझे बत्तखों ने घेर लिया । मछलियां मेरे साथ अठखेलियाँ करने लगी ।
तभी एक बतख ने याद दिलाया ......हे , तुम्हारी तो दौड़ लगी है न कछुए के साथ ........ तुमको तो दौड़ना है अभी .......

छोड़ो , कुछ नही रखा इस बेकार की दौड़ में .......
मुझे किसी के सामने कुछ prove नही करना .......
मुझे किसी से मुकाबला नही करना .......….
चलो तैरने चलें .........
इस तरह मैंने वो दौड़ छोड़ दी ।

कछुए वाली दौड़ मैं बेशक हार गया , पर ज़िन्दगी की दौड़ में जीत गया हूँ ।

इस दुनिया मे 7 Billion लोग हैं ।
हम किसी को खुश नही रख सकते ।
इस भरी दुनिया मे आप सिर्फ एक आदमी को खुश रख सकते हैं .......खुद को ।

दुनिया को खुश करने के लिए नही , स्वयं को खुश रखने के लिये जियो ।

Fb पे पढ़ी एक पोस्ट का हिंदी रूपांतरण  है ।
मूल रचना अंग्रेज़ी में है ।

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